हरितालिका तीज पर भगवान शिव और माता पार्वती की होगी आराधना,पति की दीर्घायु और वर की मनोकामना को लेकर सुहागन महिलायें और कुंवारी युवती रखेगी निर्जला व्रत

बालाघाट. पति की दीर्घायु और मनोवांछित वर पाने सुहागन महिलाओं और कुंवारी कन्याओं द्वारा आज 9 सितंबर को हरितालिका तीज पर निर्जला व्रत रखा जायेगा. प्रातः पावन सरोवर या कुंये के पास व्रतधारी महिलाओं और युवतियों द्वारा गौरपूजन किया जायेगा और सायंकाल शुभमुहुर्त पर भ्भगवान शिव और माता पार्वती के पूजन कर मनोकामना पूर्ति का आशीर्वाद मांगा जायेगा. हरितालिका तीज पर्व को लेकर बुधवार 8 सितंबर को बाजार में भारी भीड़ रही. महिलायें पूजन की सामग्री खरीदने पहुंची थी. इस दौरान बाजार में भीड़ देखी गई.  

जबकि कल 10 सितंबर को हरितालिका तीज के दूसरे दिन गौर का विसर्जन किया जायेगा. पति की दीर्घायु और मनोवांछित वर पाने के लिए सुहागिन महिलाओं और कुंवारी कन्याओं द्वारा इस व्रत को निर्जला रूप में किया जाता है. यह व्रत वर्ष में एक बार आने वाला कठिन व्रत है, व्रत सभी सौभाग्यवती स्त्रियां निर्जला निराहार रहकर करती है, यह सबसे लंबी अवधि का व्रत माना गया है. जो सूर्योदय से शुरू होकर दूसरे दिन सूर्योदय तक उपासक निराहार निर्जला रहकर व्रत करते हैं रात्रि में जागरण कर चार पहर की पूजा होती है यह व्रत पति की लंबी आयु प्राप्त करने के लिए किया जाता है. इसके अलावा कुंवारी युवतियां भी मनोवांछित वर की मनोकामना लिए यह व्रत करती है. व्रतधारी महिलायों निर्जला व्रत रखती है और रात मंे पूजन कर अपनी मनोकामना पूर्ण होने का आशीर्वाद मांगती है.  

9 सितंबर को मनाये गये हरितालिका तीज व्रत करने वाली महिलाओं ने प्रातः गौरपूजन किया जायेगा. जिसके बाद घरो में सुंदर मंडप के नीचे गौर को विराजित कर उसका विधि, विधान से पूजन किया जायेगा. पूजन में व्रतधारी महिलायें पांच प्रकार के व्यंजन अर्पित कर रेत से भगवान शंकर और पार्वती के अक्श को हल्दी, कुमकुम, चंदन, बेलपत्र और भगवान शंकर एवं माता पार्वती को चढ़ने वाले फल एवं सुहाग की सामग्री चढ़ाई जायेगी.

कल विराजेंगे भगवान गणेश

हरितालिका तीज के दूसरे दिन गौर विसर्जन के बाद भगवान गणेश के 10 दिवसीय पर्व गणेशोत्सव का शुभारंभ हो जायेगा. भाद्र शुक्ल चतुर्थी तिथि 10 सितंबर पूरे जिले में गणेशोत्सव की शुरूआत होगी. गणेश चतुर्थी पर विधि विधान से घर-घर में भगवान गणेश की स्थापना की जायेगी. 10 दिनों तक मनाये जाने वाले गणेशोत्सव पर्व को लेकर घरो में भक्ति का माहौल होगा. हालांकि इस वर्ष भी कोरोना संकट के कारण सार्वजनिक स्थानों पर गणेश पंडालों की रौनक कम ही रहेगी. जगत के कल्याण के लिए भगवान गणेशजी, भगवान शिव और देवी पार्वती की तपस्या से प्रसन्न होकर भाद्र मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को कैलाश पर भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र में प्रकट हुए थे. इसलिए इस चतुर्थी के दिन भगवान गणेश का जन्मोत्सव मनाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि अन्य किसी भी दिनों की अपेक्षा इस दिन गणेशजी की पूजा और आराधना का फल जल्दी प्राप्त होता है.


Web Title : SUHAGAN WOMEN AND VIRGIN SON TO OBSERVE NIRJALA FAST ON HARITABLE TEEJ TO WORSHIP LORD SHIVA AND MOTHER PARVATI, HUSBANDS LONGEVITY AND GROOMS WISHES