सर्व आदिवासी समाज संगठन के बैनर तले होंगे आदिवासी समाज के कार्यक्रम,निर्णय से हम सहमत-कोर्राम, सर्व आदिवासी समाज संगठन बैनर तले हम काम नहीं कर सकते-धुर्वे

बालाघाट. मध्यप्रदेश आदिवासी विकास परिषद के जिलाध्यक्ष परिवर्तन के बाद जहां आदिवासी विकास परिषद के जिलाध्यक्ष बनने के बाद दिनेश धुर्वे अपना काम कर रहे है, वहीं गलत तरीके से जिलाध्यक्ष पर से हटाये जाने का आरोप लगाते हुए तत्कालीन परिषद की कार्यकारिणी के साथ भुवनसिंह कोर्राम ने सर्व आदिवासी समाज का गठन किया और उसका जिलाध्यक्ष का दायित्व निभा रहे है. जिससे आदिवासी समाज में दो संगठन होने से समाज में भ्रम की स्थिति है. सामाजिक लोगों में इस भ्रांति और मनभेद को दूर करने की मंशा से रानी दुर्गावती भवन में सामाजिक लोगों की बैठक आहूत की गई थी. जिसमें जिले के सभी 10 ब्लॉक से सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि पहुंचे थे. इस बैठक को लेकर जहां सर्व आदिवासी समाज संगठन प्रवक्ता प्रीतमसिंह मेरावी ने बैठक को सफल बताते हुए कहा कि अब जिले में समाज के किसी भी प्रकार के कार्यक्रम और समस्या का समाधान मध्यप्रदेश सर्व आदिवासी समाज संगठन के नेतृत्व में किया जायेगा. जिसको लेकर मध्यप्रदेश आदिवासी समाज संगठन जिलाध्यक्ष भुवनसिंह कोर्राम ने तो सहमति जाहिर की है लेकिन मध्यप्रदेश आदिवासी विकास परिषद जिलाध्यक्ष दिनेश धुर्वे ने पहले तो बैठक में इस तरह के किसी निर्णय के नहीं होने की बात कही. वहीं उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश आदिवासी विकास परिषद एक पुराना और पंजीकृत संगठन है, हम सर्व आदिवासी समाज संगठन के बैनर तले काम नहीं कर सकते है. सर्व आदिवासी समाज संगठन अपना काम करें, हम अपना काम करेंगे.  

10 अक्टूबर को रानी दुर्गावती भवन में एक बैठक आदिवासी समाज संगठन की रखी गई थी. जानकारी अनुसार इस बैठक में परिषद, ग्राम गणराज, गोंड महासभा, सगा सगुन, कोईतुर महासभा और बिंझवार समाज, माना समाज, कंडरा समाज के प्रतिनिधि उपस्थित थे. बैठक को लेकर मध्यप्रदेश सर्व आदिवासी समाज संगठन प्रवक्ता प्रीतमसिंह उईके ने बताया कि समाज की बैठक, समाज में व्याप्त भ्रांतियों और मनभेद को दूर करने के लिए रखी गई थी. जिसमें सभी 10 ब्लॉक के लोग पहुंचे थे. जिसमंे वार्ता की गई और यह सहमति बनाई गई कि मध्यप्रदेश सर्व आदिवासी समाज संगठन, सामाजिक कार्यक्रम करेगा. समाज की समस्याओं का समाधान भी सर्व आदिवासी समाज संगठन के माध्यम से किया जायेगा. उन्होंने बताया कि पूरे जिले में यह भ्रांति फैली थी कि समाज के दो संगठन है, लेकिन आज इस बैठक में वार्ता से सहमति बनाई गई है. हालांकि सर्व आदिवासी समाज संगठन के अध्यक्ष भुवनसिंह कोर्राम और पंजीकृत संस्था मध्यप्रदेश आदिवासी विकास परिषद के जिलाध्यक्ष दिनेश धुर्वे रहेंगे. दोनो मिलकर काम करेंगे.  

इसको लेकर सर्व आदिवासी समाज संगठन भुवनसिंह कोर्राम ने तो बैठक में वार्ता से बनाई गई सहमति के निर्णय को स्वीकार करते हुए अपनी सहमति दे दी है लेकिन मध्यप्रदेश आदिवासी विकास परिषद जिलाध्यक्ष दिनेश धुर्वे का कहना है कि मुझे बुलाया गया था और जिस सामाजिक कार्यक्रम और समस्याओं के समाधान सर्व आदिवासी समाज संगठन के माध्मय से किये जाने की बात कही जा रही है, ऐसा कोई निर्णय नहीं किया गया है, जो बताया जा रहा है वह गलत है. मध्यप्रदेश आदिवासी विकास परिषद एक पुरान संगठन है, हम उसके बैनर तले काम कर रहे है और निरंतर करते रहेंगे. सर्व आदिवासी समाज संगठन अपना काम करें. उनके बैनर तले हम काम नहीं कर सकते. मुझे जो जिस मेटर को लेकर बुलाया गया था, वह ध्वजारोहण से जुड़ा मामला था.  

बैठक में मध्यप्रदेश सर्व आदिवासी समाज संगठन प्रवक्ता प्रितमसिंह उईके, मंशाराम मड़ावी, गोपाल कुसरे, दशवंत मेरावी, हेमलाल धुर्वे, सुरेन्द्र धुर्वे, हरीलाल मड़ावी, अनिल उइके, प्रेमसिंह मर्सकोले, सोविंद मर्सकोले, प्रहलाद कुंभरे, प्रकाश अहाके, संजय पट्ावी, हनुरसिंह उईके, गणेश कुंभरे, मानसिंह परते, दौलत परते, तारेन्द्र मर्सकोले सहित अन्य सामाजिक बंधु उपस्थित थे.


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