मौसम ने जो देखा वह भ्रम था!! आखिर क्यों घटना को झुठला रहे भाऊ? मीडिया पर लगाया भ्रामक प्रचार का आरोप

बालाघाट. प्रदेश के पूर्व मंत्री और आयोग अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन, परसवाड़ा के भादुकोटा में उनके साथ घटित घटनाक्रम को आखिर क्यों झुठला रहे? यह सवाल उनकी फेसबुक पेज की गई पोस्ट और निजी चैनल को दिये गये बयान के बाद खड़ा हो रहा है. यह सर्वविदित है कि बागेश्वर धाम के पीठाधीश पं. धीरेन्द्र शास्त्री के दिव्य दरबार में जो हुआ, वह वायरल वीडियो में सबके सामने है, जिसे प्रथमदृष्टया, झुठलाया नहीं जा सकता, ना ही उस वीडियो को किसी ने एडिट किया है और ना ही उस वीडियो की भाव-भंगिमा ऐसी है कि इस मामुली चर्चा समझी जायें.  

सबसे पहले पं. धीरेन्द्र शास्त्री के घटनाक्रम में गौर करंे तो पाते है कि आयोग अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन की उंगलियां ना केवल पं. शास्त्री के सेवक की ओर दिखाई दे रही है बल्कि इसके बाद बेटी मौसम का पिता के आहत होने के बाद एक बेटी के रूप में जो प्रतिक्रिय होनी चाहिये, वह नजर आती है, जिसमें कही भी सामान्य चर्चा, के भाव नजर नहीं आते है और वीडियो में जिस प्रकार से पूर्व भाजपा अध्यक्ष उन्हें रोकते हुए दिखाई देते है और भाऊ समर्थक उन्हें हटने की बात कहते है, उस भाव में भी कहीं सामान्य चर्चा जैसे दिखाई नहीं देता है.  

फिर एक सवाल खड़ा होता है कि घटना के दूसरे दिन रात से लेकर सुबह तक सोशल मीडिया खबरची, प्रिंट और इलेक्ट्रानिक मीडिया ने जो दिखाया क्या वह झूठ है? आयोजनों को लेकल पल-पल में मीडिया से चर्चा करने वाले गौरीभाऊ ने इस बड़े मामले में जिले के मीडिया से चर्चा क्यांे नहीं की और केवल फेसबुक पोस्ट के माध्यम से अपने समर्थकों से वायरल करवाकर इस पूरे घटनाक्रम को सच्चाई से परे होने का परिचय दिया. भले ही गौरीभाऊ अपने समर्थकों को कुछ नहीं होने की बात कहकर मामले के पटाक्षेप होने की बात कह रहे है लेकिन वह यह भी जान ले कि इस माध्यम से वह बेटी को झुठा बताने का भी प्रयास कर रहे है.  

सूत्रांे की माने तो कथित आदिवासी क्षेत्र में धर्मांतरण को लेकर एक विचारवादी सोच के तहत बागेश्वर धाम के पीठाधीश पं. धीरेन्द्र शास्त्री के इस कथा का आयोजन किया गया था. जिसे कार्यक्रम में आयोग अध्यक्ष और उनकी बेटी के इस घटनाक्रम से उस विचार को ठेस पहुंची है और इसके बाद उस सोच के वरिष्ठ स्तर पर चर्चा के बाद इस घटनाक्रम पर आयोग अध्यक्ष ने ना केवल एक मीडिया चैनल को इस बारे में सफाई दी बल्कि अपने सोशल मीडिया के पेज में इस बाबत घटनाक्रम का जिक्र करते हुए ना केवल मीडिया की खबरों पर भ्रामक प्रचार का आरोप लगाया.   उसी मीडिया ने उनके हर कार्यक्रमों को बढ़-चढ़कर दिखाया है और कहीं ना कहीं आयोग अध्यक्ष के मीडिया चर्चा में यह बात सवालों के रूप में उन्हें फेस करनी पड़ेगी. लेकिन इतना जरूर जान ले कि आईना कभी झुठ नहीं बोलता है.

 



Web Title : WHAT THE WEATHER SAW WAS CONFUSION!! WHY ARE YOU DENYING THE INCIDENT? MEDIA ACCUSED OF MISLEADING PROPAGANDA