बालाघाट. राज्यमंत्री रामकिशोर नानो कावरे ने 18 सितंबर को बालाघाट जनपद के ग्राम अर्नामेटा के समीप खामटोला ढीमरूटोला एवं परसवाड़ा जनपद के ग्राम डोंगरिया में गोंडवाना साम्राज्य के अमर शहीद राजा शंकर शाह पुत्र कुंवर रघुनाथ शाह मड़ावी जी की प्रतिमा का अनावरण बलिदान दिवस पर किया. मंत्री कावरे दोपहर 1 बजे ग्राम डोंगरिया कार्यक्रम स्थल पहुंचें. सामाजिक बंधुओं द्वारा मंत्री कावरे का हल्दी एवं चावल का तिलक लगाकर पारंपरिक रीति रिवाज से स्वागत किया गया. तत्पश्चात् उन्होंने अमर शहीद बलिदानी राजा शंकर शाह पुत्र कुंवर रघुनाथ शाह को श्रद्धा सुमन अर्पित कर सामाजिक बंधुओ के साथ प्रतिमा का अनावरण किया. वही मंत्री कावरे ने शाम 6 बजे अर्नामेटा के समीप खामटोला में भी प्रतिमा का अनावरण किया.
मंत्री कावरे ने कहा कि देश को आजाद कराने में 1857 की क्रांति का भी बड़ा योगदान था. राजा शंकर शाह और कुंवर रघुनाथ देश को आजाद कराने में 1857 की क्रांति का में बड़ा योगदान दिया था. राजा शंकर शाह और राजकुमार रघुनाथ सिंह दो ऐसे योद्धा थे. जिन्होंने पूरे महाकौशल में अंग्रेजों के खिलाफ आजादी का बिगुल फूंका था. इस आंदोलन में देश के कई राजा, राजकुमारों ने भी अपना योगदान दिया था. जिनके सामने अंग्रेज घुटने टेकने लिए मजबूर हो गए थे. जिन्होंने न केवल अपना बलिदान दिया बल्कि अपने बलिदान से स्वतंत्रता की ऐसी चिंगारी को जन्म दिया जो बाद में अंग्रेजों के लिए आग बन गई. पिता- पुत्र से डरे अंग्रेजों ने उनकी आवाज दबाने के लिए शंकर शाह और रघुनाथ शाह को मारने का षड्यंत्र रचा. अंग्रेजों ने चालाकी से इन गोंड राजाओं को गिरफ्तार कर लिया और भरे बाजार जबलपुर कमिश्नरी के सामने 18 सितंबर 1857 को पिता और पुत्र को तोप के आगे बांधकर उड़ा दिया. राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह ने अपनी शहादत दे दी, लेकिन अंग्रेजों के सामने घुटने नहीं टेके.