इस जन्म तो अगले जन्म भी प्रदीप जायसवाल के लिए नहीं मांगुगा वोट-निर्मल, पूर्व विधायक डॉ. निर्मल के घर से बैरंग लौटे भाजपा प्रत्याशी और नेता

वारासिवनी. जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव जोर पकड़ रहा हैं वैसे-वैसे अपने दलों से रूठे नेताओं को मनाने के प्रयास भी तेज होते जा रहे हैं. इसी के तहत 07 अक्टूबर मंगलवार को वारासिवनी भाजपा के रूठे कद्दावर नेता पूर्व विधायक डॉ. योगेंद्र निर्मल को मनाने उत्तरप्रदेश सरकार के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह और भाजपा प्रत्याशी प्रदीप जायसवाल, भाजपा पदाधिकारियों के साथ मनाने पहुंचे थे.

यहां दवाखाने में उन्होंने डॉ. योगेंद्र निर्मल से मुलाकात कर भाजपा प्रत्याशी के लिए प्रचार करने की बात कही, लेकिन डॉ निर्मल ने दो टूक शब्दों में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह को प्रदीप जायसवाल का प्रचार करने से स्पष्ट मना करते हुए कह दिया कि इस जन्म तो क्या अगले जन्म में भी वे प्रदीप जायसवाल के लिए वोट नही मांगेंगे.

विदित हो कि निवर्तमान विधायक प्रदीप जायसवाल और पूर्व विधायक डॉ. योगेंद्र निर्मल के बीच लंबे समय से राजनीतिक अदावत चल रही हैं. यह अदावत बीते 2018 के चुनाव से है और उसके बाद पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में यह और बढ़ती गई. चूंकि वर्तमान भाजपा प्रत्याशी प्रदीप जायसवाल, मूलरूप से कांग्रेसी पृष्ठभूमि से आने वाले नेता रहे है, यह और बात है कि बीते चुनाव में उन्हें कांग्रेस ने टिकिट ना देते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साले संजय मसानी को यहां से टिकिट दे दिया था, जिसके बाद जायसवाल निर्दलीय चुनाव लड़े और कांग्रेस साथियों के साथ मिलकर वह निर्दलीय चुनाव जीते और 2018 में बनी कांग्रेस की कमलनाथ सरकार में खनिज मंत्री रहे, लेकिन 15 माह बाद कांग्रेस सरकार गिरने के तत्काल बाद जायसवाल ने भाजपा सरकार को समर्थन दिया, जिसके कारण उन्हें सरकार ने खनिज निगम का अध्यक्ष बना दिया था, बावजूद इसके वारासिवनी की राजनीति में प्रदीप जायसवाल, हमेशा ही स्थानीय भाजपा के खिलाफ रहे, यहां सरकार को समर्थन के बाद भाजपा का समर्थन करने के बजाए नपा एवत्रं पंचायतों के चुनावों में भाजपा प्रत्याशियों के विरुद्ध अपने उम्मीदवार उतारकर दोनो जगह भाजपा की लुटिया डुबाने का कार्य किया. जिससे नाराज भाजपा का स्थानीय नेतृत्व बीते ढाई सालों से लगातार जायसवाल का विरोध कर रहा है, लेकिन भाजपा नेतृत्व के विरोध को नजरअंदाज कर आलाकमान ने ना सिर्फ प्रदीप जायसवाल को पार्टी में शामिल किया बल्कि उन्हें वारासिवनी विधानसभा से अपना उम्मीदवार भी घोषित कर दिया जिससे पार्टी आलाकमान से नाराज स्थानीय नेतृत्व ने भाजपा के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंक दिया. जिसे जैसे-तैसे आलाकमान ने दबा तो दिया लेकिन डॉ निर्मल सहित पार्टी के कुछ बड़े नेताओं को अभी तक मना नही पाए हैं. यही कारण है कि भले ही भाजपा के यह बड़े नेता घर बैठ गए हो लेकिन उन्हें प्रदीप जायसवाल के लिए प्रचार करना मंजूर नहीं है और यही कारण है कि डॉ. निर्मल को अपनी अस्मिता से समझौता करना मंजूर नहीं है, उनका कहना है कि हमें कोई नहीं खरीद सकता और हम चुनाव प्रचार में नहीं जाएंगे. साथ ही मनाने वालो पर तंज सकते हुए डॉ. निर्मल ने कहा कि तब वे कहां थे, जब हम प्रदेश और केन्द्रीय नेतृत्व को मनाने गए थे. निश्चित ही पूर्व विधायक डॉ. निर्मल के नाराज होने और उनके विरोध में घर में ही बैठे रहने से इसका फायदा तो भाजपा को नहीं होगा लेकिन नुकसान की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता.  


Web Title : BJP CANDIDATE AND LEADER RETURN TO BAIRANG FROM FORMER MLA DR NIRMALS HOUSE