कृषक किंग गोल्ड जाईम-कृषि विभाग ने कलेक्टर को सौपी जांच रिपोर्ट,जैविक और रासायनिक प्रयोगशाला में जांच में जाईम निकला पानी!

बालाघाट. बालाघाट जिले में नियमों के विपरित जाकर जो करोड़ो रूपये का कृषक किंग गोल्ड जाईम की खरीदी की गई थी, वह केवल पानी है, यह हम नहीं बल्कि उसकी जैविक और रासायनिक प्रयोगशाला में की गई जांच में कुछ नहीं मिलने पर ऐसी संभावनाये, जानकार जता रहे है. कृषि विभाग द्वारा कृषक किंग गोल्ड जाईम का मामला उजागर होने के बाद इसे जांच के लिए जैविक और रासायनिक प्रयोगशाला में भेजा गया था. जिसमें उसमें कुछ नहीं निकला है, जिससे साफ है कि वह केवल एक पानी है, जिसे जैविक खाद के नाम से जिले के भोले-भाले किसानों को बेचकर ठगने का काम किया जा रहा था. वहीं इस मामले में निर्देश के बाद कृषि विभाग द्वारा की गई जांच रिपोर्ट आज सोमवार को कृषि विभाग के प्रभारी उपसंचालक सी. आर. गौर ने जिला प्रशासन को सौंप दी है. जिसके बाद यह मामला अब कलेक्टर के हाथो में पहुंच गया है, जहां से ही मामले में अग्रिम कार्यवाही की जानी है, जिसमें अब यह देखना दिलचस्प होगा कि किसानो के साथ ठगी करने जैसे इस गंभीर और संवेदनशील मामले में जिला प्रशासन क्या एक्शन लेता है.  

गौरतलब हो कि समिति को फर्टिलाईजर केश क्रेडिट लिमिट केवल खाद, व्यवसाय के लिए स्वीकृत की जाती है. फटिलाईजर्स केश क्रेडिट लिमिट से भुगतान, समिति के बचत खाते से राशि आहरण कर भुगतान अथवा कृषकों को परमिट/ऋण नामे कर कृषक सुरक्षा राष्ट्रीय पक्षिक पत्रिका की सदस्यता हेतु भुगतान नहीं किया जा सकता, लेकिन जाईम मामले में नियमों का सीधा उल्लंघन कर कुछ जानकार लोगों की मदद से कृषक सुरक्षा राष्ट्रीय पाक्षिक पत्रिका के दो बैंक खातो मंे करोड़ो रूपये की राशि का समिति प्रबंधकों के द्वारा जारी चेक के आधार पर बैंक शाखाओं से भुगतान कर दिया गया है. जो अब सोसायटियो में पड़ा है. वहीं इस मामले के उजागर होने के बाद इसमें संलिप्त लोगो की दिल की धड़कने बढ़ गई है, चूंकि इस मामले की जांच कई स्तर पर चल रही है, और जिस तरह कृषि विभाग द्वारा इस मामले की की गई जांच में जो जानकारी प्रकाश में आई थी, उसके अनुसार जाईम के नाम से कृषकों के साथ चिटिंग की गई है.  

बताया जाता है कि जो कृषक किंग गोल्ड जाईम जो जैविक दवा के रूप में किसानों को 2550 रूपये में दिया जा रहा था, वह न तो जैविक और न ही रासायनिक दवाओं में अधिकृत है. जिसके बावजूद अनाधिकृत प्रोडक्ट को बेचने जिस तरह से तेजी शाखा और समिति प्रबंधकों ने दिखाई है, वह भारी लेनदेन की ओर ईशारा करती है.  

सूत्रो के अनुसार बालाघाट में दो करोड़ रूपये का कृषक किंग गोल्ड जाईम के लिए भुगतान किया गया है, इतनी बड़ी राशि का कोई प्रोडक्ट को मंगवाये जाने के पीछे की मंशा क्या है यह साफ है. सूत्रो की मानें तो इस पूरे मामले में छोटे कर्मचारी से लेकर अधिकारियों तक नेटवर्किंग प्रक्रिया के तहत कमीशन का वितरण किया गया है. जिसके लालच में आकर किसानों के साथ ठगी करने की साजिश की गई.  

सूत्रों की मानें तो इस मामले में कृषक सुरक्षा राष्ट्रीय पक्षिक पत्रिका को भुगतान करने में उन समिति प्रबंधक और शाखा प्रबंधकों ने खासी दिलचस्पी दिखाई, जहां इस प्रोडक्ट को किसानो को देने के लिए मंगवाया गया. कमीशन के चक्कर में एक ही दिन में समिति से भुगतान के लिए चेक भी काट दिया गया और उसी दिन चेक बैंक शाखा मंे पहुंचा और तुरंत ही बैंक ने राशि को एनईएफटी कर दी. इस मामले में अलग-अलग स्तर पर जो जांच चल रही है उसमें भी कई खुलासे होना बाकी है, जिससे कई चेहरो से नकाब हटेगा.


Web Title : FARMER KING GOLD ZAIM AGRICULTURE DEPARTMENT HANDED OVER THE HANDOVER INVESTIGATION REPORT TO THE COLLECTOR, THE WATER EXTRACTED IN THE BIOLOGICAL AND CHEMICAL LABORATORY PROBED!