राष्ट्रीय संपत्ति को सरकार निजी हाथो मंे बेच रही-विश्वास, निजीकरण के खिलाफ डाक कर्मचारियों ने दिया धरना, त्यौहार के पहले डाक कार्य प्रभावित

बालाघाट. देश की राष्ट्रीय संपत्ति को एक-एक कर केन्द्र की सरकार निजी हाथो को बेच रही है, इसी तरह डाक विभाग को भी वह निजी हाथो में देना चाहती है, जिसका डाक कर्मचारी विरोध कर रहे है, आज तो सांकेतिक धरना है, सरकार यदि डाक विभाग का भी निजीकरण करेगी तो निश्चित ही अनिश्चितकालीन हड़ताल की जायेगी. यह बात डाक संभाग के संभागीय सचिव विशाल विश्वास ने डाक कर्मचारियांे के हड़ताल स्थान पर प्रेस से चर्चा करते हुए कही. उन्होंने बताया कि 10 अगस्त को सांकेतिक हड़ताल और धरना में डाक विभाग के सभी तृतीय वर्ग के कर्मचारी शामिल है, जिससे डाक विभाग का पूरा कार्य प्रभावित हो गया है.  रक्षाबंधन और घर-घर तिरंगा अभियान के पूर्व डाक विभाग के कर्मचारियों की निजीकरण के खिलाफ की गई हड़ताल से आवश्यक कार्याे पर भी ब्रेक लग गया है. फिलहाल बरसते पानी में भी कर्मचारी, अपने हक और हितों को लेकर आंदोलन में डटे रहे.

पोस्टऑफिस के सामने हड़ताल स्थल को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि केन्द्र सरकार देश को बेचने, निजीकरण, निगमीकरण एवं डाक विभाग की कर्मचारी विरोधी एवं तथा जनविरोधी नीतियो के खिलाफ है. उन्हांेने कहा कि सरकार बीएसएनएल की तरह डाक विभाग का भी निजीकरने की सोची-समझी साजिश केन्द्र सरकार की है. जिसका समय-समय पर विरोध हमारे द्वारा किया जा रहा है. वर्तमान में पीओएसबी, जिससे विभाग को लगभग 64 प्रतिशत राजस्व प्राप्त होता है. उसका  पूरा आधिपत्य आईपीपीबी में जोड़ना चाहता है जबकि इंडिया पोस्ट पैमेंट बैंक पहले से ही घाटे में चल रहा है. यह सर्वविदित है कि डाक विभाग एवं केन्द्र सरकार, विभाग में नई योजनायें लागु करना चाहती है, जिससे ज्यादात्तर उद्योगपतियों का भला होगा और डाक विभाग से कर्मचारियों की कमी की जायेगी. नई योजनायें कामन सर्विस सेंटर (सीएससी), रोड ट्रांसपोर्ट नेटवर्क (आरटीएन) से आरएमएस के सेक्शनों की कटौती होगी. डाक विभाग, डाक मित्र सहित कई कर्मचारी विरोधी योजनायें लागु करना चाहता है. जिसको लेकर हमें एकजुट होकर इसका विरोध करना है. जबकि पूर्व से ही ओपीएस को प्रारंभ करके एनपीएस को वापस लिये जाने, कोरोना के दौरान कर्मचारियों के 18 माह के रोके गये महंगाई भत्ता को देने और कर्मचारियों को मिलने वाली सुविधायें की मांग की जा रही है. वहीं इस आंदोलन के माध्यम से 13 सूत्रीय मांगो के निराकरण की मांग की है.  


Web Title : GOVT SELLING NATIONAL PROPERTY TO PRIVATE HANDS, POSTAL EMPLOYEES STAGE DHARNA AGAINST PRIVATISATION, AFFECT POSTAL WORK AHEAD OF FESTIVAL