अच्छा कैडिटेड मिला तो अनुभा मुंजारे के खिलाफ भी खड़ा करेंगे उम्मीदवार-कंकर मुंजारे, राहुल को राहत लोकतंत्र की जीत, पीने के पानी के लिए तरस रहे आदिवासी

बालाघाट. अपनी चिरपरिचित शैली में पूर्व सांसद और क्रांतिकारी नेता कंकर मुंजारे ने कहा कि वे जिले की सभी 6 विधासभा सीटो पर अपनी प्रत्याशी उतारेंगे. बालाघाट में प्रत्याशी कोई भी हो, यदि अनुभा मंुजारे भी होगी और हमें अच्छा कैडिटेड मिला तो हम उनके खिलाफ अपना प्रत्याशी उतारेंगे.   उन्होंने मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को मिली राहत पर कहा कि तानाशाही के खिलाफ यह लोकतंत्र की जीत है. आदिवासियों को लेकर पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने कहा कि आजादी की लड़ाई में राजा शंकरशाह, राजा रघुनाथ शाह, टंटया मामा, बिरसा मुंडा सहित अन्य आदिवासी योद्धाओं ने आजादी में अपना बलिदान दिया है, लेकिन आज आदिवासियों को पीने के लिए पानी है. पोखरो के पानी से वह अपनी प्यास बुझाने मजबूर है. देश की आजादी पूंजीपतियों और नेताओ को मिली है, आमजन तो आज भी आजादी के लिए तरस रहा है. पूर्व सांसद कंकर मुंजार ने हट्टा में देरी से कॉलेज खोलने को लेकर आयुष मंत्री रामकिशोर कावरे पर निशाना साधते हुए कहा कि हट्टा में महाविद्यालय का खुलना क्षेत्रीय जनता और युवाओं की जीत है. जिसको लेकर आगामी 11 अगस्त को वह हट्टा में क्षेत्र की जनता और युवाओं का धन्यवाद करने सभा कर रहे है.

उन्होंने कहा कि 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस और क्रांति दिवस भी है. 9 अगस्त के दिन अंग्रेजों भारत छोड़ो की शुरुआत हुई थी. देश को आजाद कराने में आदिवासियों की भूमिका रही है लेकिन आजादी का लाभ आदिवासियों को नहीं मिल पाया. आज कई बैगा आदिवासी झरिया का पानी पीने के लिए मजबूर है, उन पर अत्याचार हो रहे है उनका शोषण हो रहा है.  उन्होंने कहा कि पूरे देश के साथ ही मध्यप्रदेश में आदिवासियों पर अत्याचार बढ़े है. जिनकी सुरक्षा करने में केंद्र और प्रदेश सरकार नाकाम रही है. केंद्र सरकार ने सिर्फ दिखावे के लिए द्रोपति मुर्मू को राष्ट्रपति बनाया है. नई संसद भवन का उद्घाटन किया गया उसमें राष्ट्रपति को नहीं बुलाया गया. उन्हें निमंत्रण तक नहीं मिला, जबकि राष्ट्रपति के हाथों नए संसद भवन का उद्घाटन होना चाहिए था. सिवनी के सिमरिया में इसके पूर्व दो आदिवासियों की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई, भोपाल और नीमच में आदिवासियों के साथ जुल्म किया गया. आदिवासी प्रशासन, पुलिस और फारेस्ट के हाथो प्रताड़ित हो रहा है. पेसा एक्ट का कही पालन नहीं हो रहा है. जिले के मिरगपुर में आदिवासियों की जमीन पर एक ठेकेदार ने कब्जा कर रखा है और माइनिंग खोद रहा है. भाजपा के 18 वर्षों के राज में आदिवासियों की 90 हजार एकड़ जमीन बेच दी गई.  


Web Title : IF FOUND TO BE A GOOD CANDIDATE, HE WILL ALSO FIELD HIM AGAINST ANUBHA MUNJARE KANKAR MUNJARE, RAHULS RELIEF IS THE VICTORY OF DEMOCRACY, TRIBALS YEARNING FOR DRINKING WATER