पटवारी भर्ती चयन परीक्षा की जांच पर एनईवाययू ने जताया संदेह, जांच रिपोर्ट को करें सार्वजनिक, नए सिरे से जांच की मांग

बालाघाट. तत्कालीन शिवराजसिंह चौहान के कार्यकाल मंे ग्रुप-2 सब ग्रुप-4 पटवारी परीक्षा के परिणाम आने के बाद फर्जीवाड़ा का संदेह होने पर पूरे प्रदेश में युवाओं का आंदोलन देखा गया था. जिसके बाद तत्कालीन शिवराजसिंह चौहान की सरकार ने नियुक्तियों पर रोक लगाते हुए जस्टिस राजेन्द्र वर्मा के नेतृत्व में जांच समिति का गठन किया था. जिसकी रिपोर्ट आने के बाद सरकार ने नियुक्ति का निर्णय लिया है. जिसको लेकर एनईवाययू के नेतृत्व में युवाओं ने जांच रिपोर्ट पर संदेह जाहिर करते हुए उसे सार्वजनिक करने और पुनः मामले की नए सिरे से एसआईटी से जांच कराए जाने की मांग करते हुए शासन के नाम ज्ञापन प्रशासन को सौंपा है.  अभ्यार्थियों का कहना है कि इस मामले में मध्यप्रदेश के मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व में तकनीकि विशेषज्ञों की एसआईटी गठित की जाए. चूंकि यह परीक्षा ऑनलाईन थी, इसलिए इसकी जांच बिना तकनीकि विशेषज्ञों के संभव नहीं है.  

इसके अलावा युवाओं ने एमपीएसआई के दो हजार पदो पर भर्ती, एमपीईएसबी द्वारा आयोजित मंडी इंस्पेक्टर, लेबर इंस्पेक्टर, महिला पर्यवेक्षक एवं अन्य परीक्षाओं के सभी रिक्त पद का कैलेंडर जारी कर पदो को भरे जाने, केन्द्र सरकार के नकल विरोधी कानून को प्रदेश में लागु किए जाने, एमपीईएसबी की परीक्षाएं प्रतिष्ठित कंपनी टीसीएस से आयोजित कराने, एमपी कांस्टेबल और एमपीईएसबी द्वारा आयोजित सभी परीक्षाओं के रूके परिणाम को अतिशीघ्र जारी करके नियुक्ति दिए जाने, राज्य सेवा परीक्षा 2024 में पदो की संख्या बढ़ाकर 5 सौ किए जाने, ओबीसी आरक्षण को हल करके सौ फीसदी परिणाम जारी करने सहित अन्य बिंदुओं को लेकर ज्ञापन सौंपा. युवा मनीष राहंगडाले ने बताया कि पटवारी भर्ती परीक्षा में धांधली हुई थी. जिसमें युवाओं द्वारा मांग उठाए जाने के बाद सरकार ने जांच दल गठित किया लेकिन उसमें कोई तकनीकि विशेषज्ञ नहीं था. जिससे हमें शक है कि जांच सही नहीं हुई है, जिसे देखते हुए युवाओं के हित में पुनः मामले की नए सिरे से तकनीकि विशेषज्ञों के साथ एसआईटी गठित कर जांच की जाए.


Web Title : NEYU RAISES DOUBTS OVER INVESTIGATION OF PATWARI RECRUITMENT SELECTION TEST, MAKE INVESTIGATION REPORT PUBLIC, DEMAND FRESH INVESTIGATION