रेत माफिया, प्रशासन और नेताओं की गठजोड़ ने वैनगंगा नदी का किया विनाश-मुंजारे, राहुल से ज्यादा मायावती के प्रधानमंत्री बनने पर सहमत है सभी दल

बालाघाट. ग्रीष्म ऋतु में प्रशासनिक लापरवाही और बेजा रेत खनन से वैनगंगा नदी में जलस्तर पहली बार सबसे ज्यादा नीचे चला गया है, जिससे जलसंकट पैदा हो गया है. जिसको लेकर अब राजनीति भी शुरू हो गई है. पूर्व सांसद कंकर मंुजारे ने जलसंकट को लेकर खनिज मंत्री सहित क्षेत्रीय विधायक और प्रशासन पर नदी से बेजा रेत खनन को रोकने में असफल होने का आरोप लगाते हुए कहा कि इनके कारण जिले में पेयजल का गंभीर संकट पैदा हो गया.  

वैनगंगा नदी के गिरे जलस्तर को लेकर आज उन्होंने बजरंग घाट, फिल्टर प्लांट, आमाघाट और गर्राघाट का निरीक्षण किया. जिसकी हालत पर दुःख और आक्रोश जाहिर करते हुए पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने कहा कि इससे पहले वैनगंगा नदी का जलस्तर कभी इतना नीचे नहीं गया है. आज नदी की हालत भयावह और किसी बंजर जगह की तरह नजर आ रही है. नदी से पूरी तरह से रेत गायब हो गई है और प्रशासन एवं नगरपालिका पौखलेंड के माध्यम से जो बहाव परिवर्तित कर फिल्टर प्लांट में पानी भी ला रही है, वह पानी जमा होकर अब सड़ांध मारने लगा है, जिस पानी को नगरवासियों को पेयजल के रूप में सप्लाई किया जायेगा और उसी पानी को पीने से लोग बीमार होंगे. उन्होंने कहा कि यदि नदी को बचाने पर ध्यान नहीं दिया गया तो एक दिन नदी विलुप्त हो जायेगी और इतिहास का हिस्सा बनकर रह जायेगी. जब तक नदी में रेत नहीं होगी, तब तक पानी नदी में नहीं ठहरेगा.  

उन्होंने प्रशासन के माचागोरा से पानी मंगवाये जाने के दिये गये बयान पर भी कटाक्ष्ज्ञ करते हुए कहा कि जब माचागोरा में पानी ही नहीं है तो वहां से कैसे पानी लाया जायेगा. उन्होने कहा कि जिले में विगत 10 सालों से अनवरत रूप से रेतमाफिया, प्रशासन और नेताओं के गठजोड़ से वैनगंगा नदी से बेजा रेत खनन किया गया. जिसके कारण आज वैनगंगा नदी में पानी नहीं है, नगरवासियों को दो वक्त पानी के नाम पर नपा की सत्ता में बैठी भाजपा के राज में आज एक वक्त पानी भी बमुश्किल तरीके से मिल रहा है. उन्होंने कहा कि समय पर स्टॉपडेम का निर्माण जानबूझकर नहीं किया गया, ताकि नदी से आसानी से रेत निकाली जा सके. उन्होंने कहा कि इस समस्या के बावजूद भी प्रशासन हाथ पर हाथ धरे बैठा है, उसे तत्काल नदियो से निकाली जा रही रेत पर  प्रतिबंध लगाकर नदियोे से बेजा रेत निकालकर बनाये गये बड़े-बड़े रेत के डम्प को जब्त करें और जो पट्टा दिया गया है, उसे भी निरस्त किया जायें, ताकि नदियों की रेत को बचाकर पानी का संग्रहण किया जा सके.  

वैनगंगा नदी से बेजा रेत उत्खनन के लिए अपनी चिर परिचित शैली में एक बार फिर पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने पूर्व मंत्री और प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि विगत 10 सालों से वैनगंगा नदी से रेत निकाली जा रही है, जिसको तत्कालीन मंत्री और वर्तमान में बनी प्रदेश सरकार ने भी कभी रोकने का काम नहीं किया. एक सवाल के जवाब में पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने प्रदेश सरकार के खनिज मंत्री और जिले के नेता प्रदीप जायसवाल पर भी रेत उत्खनन को रोकने में प्रभावहीन करार देते हुए कहा कि इसके लिए प्रदेश की कमलनाथ सरकार भी पूरी तरह से जिम्मेदार है. जिले में रेत के अवैध उत्खनन का बड़ा मामला है, यहां की रेत महाराष्ट्र तक भिजवाई जाती है, मॉयल ने मिली लीज के स्थान से ज्यादा जगह पर बेजा रेत खनन कर ठेकेदार की मिलीभगत से रेत का अवैध दोहन किया है. जिसमे मॉयल मैनेजर की भूमिका भी संदिग्ध है. उन्होंने पुलिस पर भी अवैध रेत खनन को लेकर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए कहा कि रेतमाफिया को अवैध रेत खनन में संरक्षण देकर पुलिस प्रतिमाह लाखो रूपये कमाने का काम कर रही है.  

पूर्व सांसद कंकर मंुजारे ने पहली बार वैनगंगा नदी के सुखने पर हो रहे पेयजल संकट के लिए नागरिकों से सामने आकर आंदोलन करने का आव्हान करते हुए कहा कि यदि जनता अपने हक के लिए आंदोलन करती है तो उस आंदोलन को मेरा समर्थन रहेगा.  

राहुल से ज्यादा मायावती के प्रधानमंत्री बनने पर सहमत है सभी दल

पूर्व सांसद कंकर मुंजारे ने कहा कि यदि ईव्हीएम को हेक नहीं किया गया और उसे नहीं बदला गया तो निश्चित ही बालाघाट संसदीय क्षेत्र में बसपा का हाथी संसद पहुंचेगा. उन्होंने कहा कि देश की प्रधानमंत्री मायावती बनती है तो सभी दल सहमत हो जायंेगे. जबकि राहुल के प्रधानमंत्री बनने के नाम पर दलों में सहमति नही है.


Web Title : SAND MAFIA, ADMINISTRATION AND LEADERS TIE UP WITH THE DESTRUCTION OF THE VANGANGA RIVER, RAHUL AGREES TO BE MAYAWATIS PRIME MINISTER

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