यौमे आशुरा आज: याद किये जायेंगे शहीदाने कर्बला और ईमाम हुसैन,उर्स मुबारक पर हक्कुशाह बाबा दरबार से आज निकालेगा शाही शंदल

बालाघाट. इस्लामी साल का पहला महिना, मोहर्रम कहलाता है, इस महिने की 10 तारीख को याने की आज 20 अगस्त को यौमे आशुरा का दिन है, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आशुरा के दिन का ऐतिहासिक महत्व है. यौमे आशुरा इस्लामिक तारीख के मुताबिक बहुत ही फजीलत और अजमत वाला दिन है, क्योंकि यौमे आशुरा के दिन ही हजरत आदम की दुआयें कबूल हुई, इसी दिन हजरत नूह की कश्ती जूदी पहाड़ी के किनारे लगी. इसी दिन हजरत इब्राहिम पर आग, गुलजार हुई और इसी दिन हजरत ईसा आसमान पर उठा लिये गये तथा इसी दिन हजरत ईमाम हुसैन की कर्बला में शहादत हुई थी.

प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी मस्जिदो और घरो में यौमे आशुरा का पर्व मनाया जायेगा. जिसके तहत मस्जिदो और घरो में विशेष नमाज अदा की जायेगी और दुआये मांगी जायेगी. यौमे आशुरा के रोजे का भी अत्यंत महत्व हैं. इसलिए मुस्लिम धर्मावलंबी रोजे का ऐहतेमाम करते है और शहीदाने कर्बला की याद में शरबत का खिचड़ा सहित लंगर का भी जगह-जगह इंतजाम किया जाता है.

गौरतलब हो कि मोहर्रम माह के एक तारीख से लेकर 10 तारीख तक शहर की जामा मस्जिद में धर्मगुरू द्वारा धर्मावलंबियों को शहीदाने कर्बला और हजरत ईमाम हुसैन की जीवनी से जुड़ी तकरीर दी जा रही है. जहां आज यौमे आशुरा पर विशेष तौर से बरेली शरीफ से सूफी धर्मगुरू अब्दुल्ला मियां कादरी का बालाघाट आगमन हो रहा है. जो शहीदाने कर्बला पर विशेष तकरीर करेंगे.

मुस्लिम धर्म की मान्यता अनुसार यौमे आशुरा का पर्व परंपराओं एवं मान्यताओं के अनुसार हजरत ईमाम हुसैन के चाहने वाले अलग-अलग तरीकों से भी मनाते हैं, जिसमें ताजिये और संदल निकाला जाता है. बहरहाल आशुरे के दिन को पूरी दुनिया में विशेष रूप से हजरत ईमाम हुसैन की याद के रूप में ही मनाया जाता हैं, जिन्होंने इस्लाम के खिलाफ उठने वाली सभी याजिदरूपी आवाजो को हमेशा के लिए दबाने में अपनी शहादत दे दी.  

बालाघाट जिले सहित शहर में मोहर्रम की एक तारीख से ही मस्जिदो और घरों में मिलाद शरीफ, नात खानी और हजरत ईमाम हुसैन की जीवनी पर तकरीरों का आयोजन किया जा रहा है. साथ ही शर्बत एवं लंगर भी आयोजित किये जा रहे है. साथ ही घरो में महिलाओं द्वारा भी धार्मिक आयोजन किये जा रहे है.

उर्स मुबारक पर आज निकाला जायेगा शाही शंदल

कौमी एकता की मिसाल शहर के कुतुब हजरत अलहाज सैय्याद अब्दुल हकीम उर्फ हक्कू शाह बाबा चिश्ती रहमतुल्ला अलैह का सालाना उर्स, हर साल की तरह इस साल भी पूर्ण अकीदत के साथ मनाया जा रहा है. मेन रोड स्थित हजरत हक्कू शाह बाबा दरगाह में आयोजित 217 वें सालाना उर्स मुबारक पर रोजाना ही विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन किये जा रहे है. जिसके तहत आज 20 अगस्त को दोपहर 2 बजे दरबार से शाही संदल निकलेगा. जिस संदल में इमामबाड़े से अलम, संदल और अखाड़ा शामिल होगा. वही भरवेली एवं शहर के अन्य जगह के संदल भी शाही संदल में शामिल होंगे. जो शहर का गश्त करते हुए दरबार पहुंचेंगे. जहां रात्रि 9 बजे शमा महफिल का आयोजन किया गया है. जबकि 21 अगस्त को दरबार शरीफ में लंगर आम और 22 अगस्त को महफिले रंग और कुल शरीफ की फातिहा कर उर्स मुबारक का समापन किया जायेगा. दरगाह के खादिम सगीर अहमद कादरी ने बताया कि उर्स मुबारक के मौके पर प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी दरगाह शरीफ में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गये. आज शुक्रवार को दरगाह शरीफ से शाही संदल निकाला जायेगा. शाही संदल का आयोजन प्रशासनिक अनुमति के तहत किया गया है.   

Web Title : YOUME ASHURA TODAY: SHAHEEDNE KARBALA AND IMAM HUSSAIN TO BE REMEMBERED, SHAHI SHANDAL TO REMOVE HAKKUSHAH BABA FROM DARBAR ON URS MUBARAK TODAY