डेंगू नियंत्रण के लिए जिले में डेंगू पर प्रहार अभियान 15 को

बालाघाट. डेंगू पर कारगर नियंत्रण के लिए प्रदेश के अन्य जिलों के साथ ही बालाघाट जिले में भी स्वास्थ्य विभाग 15 सितम्बर 2021 से “डेंगू पर प्रहार” अभियान शुरू कर रहा है. इस अभियान के दोरान डेंगू नियंत्रण के लिए मलेरिया, डेंगू एवं चिकुनगुनया जैसे वेक्टर जनित रोगों से बचाव एवं मच्छरों के खात्मे के लिए आम जन को जागरूक किया जायेगा.

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनोज पांडेय ने बताया कि बालाघाट जिले में भी 15 सितम्बर को नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में डेंगू पर प्रहार अभियान चलाया जायेगा. उन्होंने बताया कि वर्षाकाल में अनेक स्थानों पर जल जमाव होने के कारण, घरों में छोटे कंटेनर, टंकियों आदि में एक सप्ताह से अधिक तक जल संग्रह करने के चलते डेंगू एवं चिकुनगुनया जैसे रोगों को फैलाने वाले एडीज मच्छर का प्रजनन शुरू हो जाता है. जल भराव वाले पत्रों की नियमित साफ सफाई न होने के कारण इन मच्छरों के लार्वा एडीज मच्छरों की उत्पत्ति का स्त्रोत बन जाते हैं. अमूमन अगस्त से अक्टूबर माह तक इन बीमारियों का प्रकोप अत्याधिक रहता है.

डॉ. पांडेय ने बताया कि “डेंगू पर प्रहार” अभियान के अंतर्गत जिले के ग्रामीण क्षेत्र में प्रत्येक ग्राम एवं शहरी क्षेत्र में प्रत्येक वार्ड में डेंगू से बचाव एवं नियंत्रण गतिविधियाँ संचालित किये जाने के लिए कार्य-योजना तैयार की गई है. सभी घरो में लार्वा सर्वे, स्पेस स्प्रे, फागिंग, जल जमाव हटाने के लिए दल गठित किये गये है. इन दलों में मुख्यतः आशा कार्यकर्ताओं, आँगनवाडी कार्यकर्ता, पंचायत कर्मी, बहुउद्देशीय स्वास्थ्य कार्यकर्ता, नॉन मेडिकल असिस्टेंट, मलेरिया निरीक्षक, व्ही. बी. डी. टेक्निकल सुपरवाइजर इत्यादि जैसे मैदानी कार्यकर्ताओ को सम्मिलित किया गया है.

डॉ. पांडेय ने आम जनों से अपील की है कि जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में वाहक मच्छरों की वृद्धि के स्रोत में कमी लाने के लिए 7 दिनों से अधिक समय तक किसी भी स्थान पर जलजमाव न रहने दें. कूलर, टंकी, गमले, फूलदान, पुराने टायर, बेकार डब्बे, सकोरे, खाली प्लाट, गड्डों इत्यादि की सफाई सुनिश्चित करवाए. किसी क्षेत्र में लार्वा पाए जाने पर सर्वप्रथम लार्वा वाले पानी को खाली कराया जाए, यदि पानी खाली न काराया जा सकता हो तो पानी को छान कर उसमें से लार्वा पृथक किये जा सकते हैं. यदि तत्काल पानी खाली न किया जा सकता हो, जिनमे लार्वा हो तो उसमे सही मात्रा में टेमीफोस लार्वानाशक का घोल डालें.

आम जनों से अपील की गई है कि डेंगू से बचाव एवं नियंत्रण के के लिए पूरी बाह के कपड़े पहने और सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें. किसी भी बुखार के रोगी की 24 घंटों के अंदर जाँच एवं उपचार प्रारंभ किया जाये. जिले में आयुष्मान भारत निरामयम योजना से सम्बद्ध अस्पतालों में डेंगू के रोगियों का निरूशुल्क उपचार सुनिश्चित किया जाएगा. ‘डेंगू पर प्रहार’ अभियान राज्य शासन की प्राथमिकता में है आवश्यक तैयारी के साथ अभियान को सफल बनाने की दिशा में कार्य करें.


Web Title : DENGUE ATTACK DRIVE IN DISTRICT TO CONTROL DENGUE ON 15TH