बेटी कहीं चले ना जायें, इस डर से मां ने डाल दी पैरो में बेड़ियां, भरवेली के हिरापुर का मामला, प्रशासनिक अधिकारियों ने महिला के पैरो की बेड़ियां खुलवाई

बालाघाट. स्वस्थ्य नजर आने वाली महिला के पैरो में बेड़ियां पर नजर पड़ते ही बरबस यह निकल गया कि कौन बेदर्द है, जो अपने इसे बेड़ियों में कैद कर रख रहा है, लेकिन इसके पीछे की कहानी में दिल को रूला देने वाली एक घटना है, बड़े अरमान से मां ने अपनी बेटी का विवाह कुकड़ा में किया था, विवाह के कुछ समय तक बेटी स्वस्थ्य थी, लेकिन विगत कुछ समय से बेटी के मानसिक रूप से अस्वस्थ्य होने के कारण वह कहीं भी चले जाती थी. बेटी के कुकड़ा निवासरत ससुराल से उसके पति ने भी उसे उसकी मां के घर ला दिया. गरीब परिवार से आने वाली मां का कलेजा उस समय मुंह को आ जाता है, जब वह अपनी बेटी के पैरो में बेड़ियां डालती है. जिसके पीछे बेटी के घर से चले जाने का डर उसे हमेशा सताता है चूंकि एक बार उसके साथ ऐसा कुछ हो गया है. मॉयल में प्रायवेट कंपनी के अंतर्गत काम कर रही मां अपनी मानसिक रूप से अस्वस्थ्य और उसके बेटे की देखरेख कर रही है.  

आज जब उस स्वस्थ्य नजर आने वाली मानसिक रूप से अस्वस्थ्य महिला लीला लिल्हारे के पैरो में लोगों ने बेड़ियां देखी तो उसका विडियो बनाकर ग्रुप में डाल दिया. जिसके वायरल होते ही प्रशासनिक अमला हरकत में आया. जिस वीडियो को देखने के बाद तहसीलदार रामबाबु देवांगन, महिला सशक्तिकरण अधिकारी वंदना धुमकेती, वन स्टॉफ सेंटर की प्रशासक, सुपरवाईजर, महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और पुलिसकर्मी उसे ढूंढते हुए ग्राम पंचायत हिरापुर पहुंचे. जहां प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में महिला के पैरो में बंधी बेड़ियां को खुलवाया गया.

बताया जाता है कि महिला लीला नगपुरे के मानसिक रूप से अस्वस्थ्य होने के बाद उसका पति उसे मायके मां के पास छोड़ गया है. मां मॉयल में प्रायवेट कंपनी मंे मजदूर होने के कारण जब वह भी काम पर जाती है, घर में मानसिक रूप से अस्वस्थ्य बेटी को अकेले रहने पर वह कहीं चली न जायें, इस डर से वह उसकी पैरो में बेड़ियां डाल देती है. जब प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष मामले की सच्चाई सामने सुनने को मिली तो प्रशासनिक अधिकारियों ने महिला के ईलाज कराकर उसे स्वस्थ्य बनाने की बात कही है.  

महिला सशक्तिकरण अधिकारी वंदना धुमकेती ने बताया कि महिला मानसिक रूप से अस्वस्थ्य है, मां को डर है कि बेटी अपनी मानसिक अस्वस्थ्यता के चलते कहीं चले न जायें, इस डर से उसके पैरो में बेड़ियां बांध देती है. आज जब इसकी जानकारी मिली तो प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पहुंचकर महिला लीला के पैरो में बंधी बेड़ियों को खुलवाया गया और परिवार को आश्वस्त किया गया है कि उसका ईलाज कराया जायेगा. महिला सशक्तिकरण अधिकारी वंदना धुमकेती ने बताया कि इस मामले में सीएचएमओ से महिला की जांच के लिए चर्चा की जा रही है. ताकि महिला की मानसिक बीमारी का ईलाज हो सके. जिससे की वह स्वस्थ्य हो जायें.  

तहसीलदार रामबाबु देवांगन ने कहा कि महिला मानसिक रूप से अस्वस्थ्य है जिसके कारण वह कहीं चली न जायें, इसलिए मां उसे बेड़ियां बांधती है. जिसके पैरो में बेड़ियों को खुलवाया गया है और परिजनों को आश्वस्त किया गया है कि महिला लीला का ईलाज करवाया जायेगा, ताकि वह स्वस्थ्य हो सकें.

गौरतलब हो कि विगत 21 अगस्त को ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया था. जिसें मानसिक रूप से अस्वस्थ्य वृद्ध मां कहीं चली न जायें, इसलिए बेटो ने उसके पैरो में जंजीर डाल दी थी. लांजी थाना अंतर्गत बेलगांव के मामले की तरह ही भरवेली थाना अंतर्गत हिरापुर का मामला है. बस फर्क इतना है कि वहां बेटा मां के मानसिक अस्वस्थ्यता के चलते कहीं चले जाने के डर से उसके पैरो में जंजीर को बांध देता था और भरवेली क्षेत्र अंतर्गत हिरापुर में बेटी के लिए चितिंत मां अपनी बेटी के पैरो में जंजीरे बांध देती है.  

ग्राम पंचायत हिरापुर सरपंच पवन मरकाम का कहना है कि परिवार गरीब है, इसलिए वह बेटी के ईलाज कराने में अक्षम है. यदि प्रशासन उसकी बेटी के समुचित ईलाज करवाता है तो पंचायत की ओर से जो भी सहयोग बन पड़ेगा, वह करेंगे. उन्होंने कहा कि पंचायत की ओर से मां का बीपीएल कार्ड बना है और उसे वृद्धावस्था पेंशन भी दी जाती है, हमारा प्रयास है कि बेटी को भी पंचायत की ओर से जो भी हरसंभव मदद हो सकें, वह की जायेगी.


Web Title : THE MOTHER, FEARING THAT THE DAUGHTER SHOULD NOT GO ANYWHERE, OPENED THE SHACKLES OF THE WOMANS FEET, THE CASE OF BHARVELIS HIRAPUR, THE ADMINISTRATIVE AUTHORITIES.