बालाघाट. नगरीय क्षेत्र में लगातार आवारा श्वानों के काटने और संख्या बढ़ोत्तरी को लेकर नगरपालिका द्वारा श्वान बाधियाकरण अभियान चलाया गया था. जिसमें श्वानों को कथित तौर से जंगलो में छोड़े जाने की एक शिकायत पीएफए चेयरमेन श्रीमती मेनका गांधी को की गई थी. जिसके बाद मेनका गांधी के नपाध्यक्ष को किए गए फोन के बाद हड़कंप की स्थिति देखी गई.
आनन-फानन में नपाध्यक्ष श्रीमती भारती सुरजीतसिंह ठाकुर, डॉग सेफ्टी संस्था द बार्क क्लब प्रेसिडेंट तान्या दुबे, डिस्ट्रिक्ट हेड पूजा मेहरा, एनिमल क्राईम कंट्रोल डिस्ट्रिक्ट हेड दुर्गा मलेवार के साथ बाधियाकरण सेंटर का निरीक्षण किया. जहां कमरो में रखे वार्डवार श्वानों को निरीक्षण, स्थिति और उनके डाईट पर जोर दिया गया. गौरतलब हो कि नगरीय क्षेत्र में लगभग 40 डॉग है, जिसमें छत्तीसगढ़ में काम कर चुकी केचर और बाधियाकरण टीम द्वारा नगरपालिका बालाघाट से अनुबंध कर शहर के विभिन्न वार्डो से 36 श्वानो को पकड़ा गया है, जिनका बाधियाकरण कर उन्हें वर्तमान में देखरेख में रखा गया था. कथित रूप से यह अफवाह फैलाई गई कि नगरीय क्षेत्र के श्वानों का बाधियाकरण कर उन्हें जंगलो में छोड़ा जा रहा है और इसकी शिकायत भी पीएफए चेयरमेन श्रीमती मेनका गांधी तक की गई थी. जिसके बाद मेनका गांधी ने इस मामले में नपाध्यक्ष श्रीमती भारती सुरजीतसिंह ठाकुर को फोन लगाकर मामले की वस्तुस्थिति से अवगत कराने कहा था. जिसके परिपालन मेें नपाध्यक्ष और डॉग सेफ्टी टीम ने बाधियाकरण सेंटर का निरीक्षण किया. जहां टीम नपा और श्वान बाधियाकरण में लगी टीम के कार्यो पर संतुष्टी जाहिर की गई वह कुछ खामियों को पूरा करने के निर्देश दिए गए.
द बार्क क्लब प्रेसिडेंट तान्या दुबे ने बताया कि नगरीय क्षेत्र में पहली बार यह अभियान चलाया जा रहा है, जो काफी अच्छा है, एक अफवाह फैलाई गई थी कि श्वानों का बाधियाकरण कर उन्हें जंगल में छोड़ा जा रहा है, लेकिन जब हमने, यहां देखा तो व्यवस्था अच्छी है, जितना हो पा रहा है, उतना किया जा रहा है, इसके साथ ही हमने टीम को भी गाईड किया है. जहां तक जिन कमरो में श्वानों को रखा गया है, वहां बिछावन व्यवस्था बनाए जाने के निर्देश दिए गए है. इससे निश्चित ही जन्म लेने वाले छोटे श्वानों की मौत पर अंकुश लगेगा.
नपाध्यक्ष श्रीमती भारती सुरजीतसिंह ठाकुर ने कहा कि पीएफए चेयरमेन मेनका गांधी जी का फोन आया था कि नपा द्वारा श्वानों के बधियाकरण अभियान की जानकारी से उन्हें अवगत कराए. किसी ने यह शिकायत कर दी थी कि श्वानों का बधियाकरण कर इन्हें जंगल में छोड़ा जा रहा है, यह पूर्णतः निराधार है, वह स्वयं डॉग प्रेमी है. जिस एजेंसी को हमने यह काम दिया है, उसके द्वारा ऑपरेशन के पकड़े गए श्वानों को डाईट को लेकर मैं संतुष्ट नहीं हुॅं, जिसके लिए श्वानों केा बेहतर डाईट देने के लिए निर्देशित किया गया है. चूंकि पूर्ण ट्रिटमेंट के बाद ही श्वानों को यहां से वार्डो में छोड़ा जाएगा. जिसमें अब तक 36 डॉग की केचिंग की जा चुकी है, तीन डॉग यहां से भाग गए है, जिन्हें भी पकड़कर उनका बधियाकरण किया जाएगा. ताकि शहर के नागरिकों से मिलने वाली डॉग बाईट की घटना पुनः ना हो सके. उन्होंने बताया कि इस अभियान को लेकर प्रति डॉग नगरपालिका केचिंग से लेकर बधियाकरण कर रही संस्था को 11 सौ रूपए प्रदान कर रही है, जिसमें ऑपरेशन से लेकर उनकी देखरेख और डाईट शामिल है.