जान जोखिम में डालकर मनकुंवर नदी पार करने मजबूर ग्रामीण, जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अनदेखी से लोगो का बढ़ रहा आक्रोश

बालाघाट. बालाघाट से नैनपुर को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग के बीच पड़ने वाले लामता क्षेत्र के मनकुंवर नदी से बहती जलधारा के बीच लोग जान जोखिम में डालकर रास्ता पार करने मजबूर है, कब बहती तेज जलधारा में बह जायें, कहा नहीं जा सकता. जो स्पष्ट दर्शाता है कि बरसात के इस मौसम में पुल के टूटने के बाद जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारियों कितने लोगों के आवागमन को लेकर कितने गंभीर है, भले ही बड़े आवागमन के पुल के टूटने से यह मार्ग डायवर्ड हो गया है लेकिन आज भी पास-पास लगे गांवों के लोगों को इस मार्ग पर आवागमन में रोजाना ही समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, जिसको लेकर जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अमला कितना गंभीर है, इसका जीवंत उदाहरण लोगों के बहती जलधारा में रास्ता पार करने की घटना बयां करती है.

गौरतलब हो कि बीते बरसात में अंग्रेजो के समय के पुल बहने के बाद क्षेत्रीय लोगों के दबाव में जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक कवायदो के बीच पुल के लिए राशि तो स्वीकृत हो गई लेकिन ना तो क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि और ना ही प्रशासनिक अमला, ठेकेदार से समयावधि में उस पुल को बनवा सका. जिसका परिणाम यह रहा कि दो बार बनाया गया घटिया डायवर्सन पुलिया पानी के तेज बहाव में बह गया. दूसरी बार बहे पुल के हफ्ता बीत जाने के बाद भी ना तो क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि और ना ही प्रशासनिक अमला गंभीर है, स्थानीय लोगों की पुल टूटने से आवागमन को लेकर हो रही दिक्कतों से अंदर ही अंदर सुलग रही आग पर पानी डालने की तरह गत 3 जुलाई को स्थाई प्रशासन द्वारा, अस्थायी पदमार्ग बनाया गया था लेकिन गुरूवार रात और शुक्रवार को तेज बारिश में वह पदमार्ग भी पूरी तरह से डूब गया है. जिससे लोग किसी तरह एकदूसरे का हाथ पकड़कर मनकुंवर नदी की बहती जलधारा से आवागमन करने मजबूर है.  

चिंतनीय तो यह है कि परसवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के पांच पंचायतों के दर्जनों गांवों के लोगों की आवागमन की परेशानी के बावजूद ना तो प्रशासनिक अमला और ना ही क्षेत्रीय विधायक एवं मंत्री यहां निरीक्षण करने पहुंचे है.  विगत 28 जून को दूसरी बार एक महिने 26 दिन बाद ही बालाघाट-मंडला नेशनल हाईवे पर लामता क्षेत्र के मनकुंवर नदी में बनाया गया डायवर्सन पुलिया लगातार बारिश के चलते पानी के तेज प्रवाह में बह गया था. जिससे ना केवल बालाघाट से मंडला का संपर्क पूरी तरह से टूट गया है, बल्कि जिले के जिले में कई ग्रामों का संपर्क भी अवरूद्ध हो गया.

गौरतलब हो कि बीते बरसात में  मानकुंवर नदी पर बना अंग्रेजो का समय का पुलिया अत्यधिक बारिश में बह गया था. जिस पर नवीन पुल निर्माण को लेकर ग्रामीणों और विपक्ष द्वारा आवाज बुलंद किये जाने के बाद सरकार ने इस पुल निर्माण को लेकर टंेडर निकाले और ठेकेदार को पुल निर्माण का ठेका दे दिया. चूंकि पुल ध्वस्त होने से पुल निर्माण के पूर्व मार्ग से आवागमन को लेकर डायवर्सन पुलिया बनाया गया था. जो बीते अप्रैल और मई में हुई लगातार बारिश के चलते 2 मई की अलसुबह लगभग 5 बजे बह गया था. जिससे बालाघाट से मंडला मार्ग का पूरा संपर्क टूट गया था.  

चूंकि लामता क्षेत्र का मानकुंवर दी पर बना पुलिया, प्रदेश के राज्यमंत्री रामकिशोर कावरे की विधानसभा क्षेत्र में आता है, यही नहीं बल्कि यह दो जिलो को आपस में जोड़ने वाले नेशनल मार्ग का एक हिस्सा होने से सवाल उठना लाजिमी है.  विपक्षी यह सवाल खड़े करते रहा है कि बीते वर्ष की बारिश में यहां अंग्रेजो के समय बना पुल ढह गया था. जिसका मुख्य कारण रेत से अवैध रेत उत्खनन था, जिसके चलते रेत से रूकने वाला पानी, तेज बहाव के साथ बहा और पुलिया को ध्वस्त कर दिया. वहीं पुलिया निर्माण का टंेडर हो जाने के बाद डायवर्सन पुलिया बनाकर आज तक पुल निर्माण का कार्य ठेकेदार द्वारा शुरू नहीं किया गया, जो शासन, प्रशासन और ठेकेदार की घोर लापरवाही है. डायवर्सन पुलिया टूटने से ना केवल बालाघाट-नैनपुर, मंडला मार्ग का संपर्क टूटा है, बल्कि क्षेत्रीय ग्रामीणांे के लिए भी यह काफी कष्टदायक है. जिससे छात्र-छात्राओं, व्यापारियों, मजदूरों, कोर्ट कचहरी काम से जाने वाले लोगो को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है. वहीं पंचायत जनप्रतिनिधि और ग्रामीणों का आरोप है कि ठेकेदार एव शासन प्रशासन के लापरवाही के कारण आज यह हालत पैदा हुए है.  

गौरतलब हो कि जिले से नैनपुर एनएच 543 में चांगोटोला क्षेत्र के समीप घंघरिया में मनकुवर नदी पर बने पुल अगस्त माह में क्षतिग्रस्त हुआ था. जिसके निर्माण से पूर्व डायवर्सन पुलिया का निर्माण ठेकेदार द्वारा कराया गया और पुराने पुल तो तोड़ दिया गया था. जिसके बाद से काम बंद है. मार्ग पर आवागमन डायवर्सन मार्ग से चालू था परंतु वर्तमान समय मे हो रही तेज बारिश के कारण डायवर्सन पुल भी टूटकर बह गया है. जिसके कारण इस मार्ग पर आवागमन पूर्ण रूप से अवरुद्ध हो चुका है.   दोनों जिले के तरफ से आने जाने वाले यात्रियों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है.  


Web Title : VILLAGERS, PUBLIC REPRESENTATIVES AND ADMINISTRATIVE NEGLIGENCE FORCED TO CROSS THE MANKUNWAR RIVER RISKING THEIR LIVES